Con.नेता का कॉम्प्लेक्स तोड़ा

तीन बीघा सरकारी जमीन पर थे कॉम्पलेक्स के अलावा डेयरी और अन्य निर्माण
प्रशासन का दावा- सरकारी जमीन पर बाकी निर्माण होगा राजसात
ग्वालियर। एंटी माफिया अभियान के तहत सिटी सेंटर में मंगलवार शाम भाजपा के पूर्व मंत्री के करीबी राजू कुकरेजा की चार मंजिला ला सफायर का सफाया करने के बाद बुधवार को प्रशासनिक अमला कांग्रेस नेता साहब सिंह गुर्जर के घर तक जा पहुंचा। उसने अलकापुरी में सबसे पहले तीन बीघा सरकारी जमीन पर बन रहा कॉम्पलेक्स तोड़ा। कॉम्पलेक्स, साहब सिंह के ताऊ के बेटे प्रकाश सिंह का बताया गया है। यहां बड़े हिस्से पर पशु डेयरी के साथ ही अन्य निर्माण भी कराए गए हैं। जिन्हें छोड़ दिया गया है। कलेक्टर अनुराग चौधरी का कहना है कि जो निर्माण कार्य छोड़े गए हैं, उन्हें राजसात किया जाएगा।


तीन घंटे कॉम्पलेक्स की तोड़फोड़ के बाद कार्रवाई रोक दी लेकिन इसके बाद प्रशासन ने साहब सिंह के भाई के नाम पर संचालित काले पत्थर की दो खदानों के साथ ही क्रेशर का लाइसेंस भी निलंबित कर दिया। खदान और क्रेशर मेमर्स मां पीतांबरा ग्रेनाइट साथ भागीदार वीरेंद्र सिंह के नाम पर हैं। वीरेंद्र, साहब सिंह के बड़े भाई हैं। उल्लेखनीय है कि कांग्रेस नेता साहब सिंह पिछले साल कांग्रेस से टिकट न मिलने पर बसपा से चुनाव लड़े थे। चुनाव हारने के बाद फिर कांग्रेस में लौट आए थे।


कॉम्प्लेक्स और मकान साहब सिंह के ताऊ के बेटे और रिश्तेदारों के: प्रशासन की टीम ने सबसे पहले जो निर्माणाधीन कॉम्प्लेक्स तोड़ा, उसे साहेब सिंह गुर्जर के ताऊ के लड़के प्रकाश सिंह गुर्जर के नाम बताया गया है। यह करीब 10 हजार वर्गफीट पर कॉम्प्लेक्स बना रहे थे। इसके बगल में जो मकान तोड़ने से रोक दिया गया, उसमें दामोदर सिंह पुत्र घमंडी सिंह का परिवार रह रहा था, यह भी साहब सिंह के रिश्तेदार हैं। इसी से लगी सरकारी जमीन पर दो पशु डेयरियां चल रही हैं, जिसमें करीब 60 गाय-भैसे बंधी मिलीं।


कब्जे की जमीन राजीव गांधी आवास योजना की
यह जमीन प्रशासन ने राजीव गांधी आवास योजना के लिए आबंटित कर रखी है। प्रशासन की टीम ने सबसे पहले निर्माणाधीन कॉम्प्लेक्स को ही जेसीबी मशीन लगाकर गिराया। जिसमें करीब 3 घंटे का वक्त लगा। इस दौरान मकान जिसमें साहब सिंह के परिवार के लोग रहते हैं, उनसे वह खाली कराया गया। बर्तन, सामान, कपड़े, अलमारियां सब बाहर निकलवा लीं। लेकिन जैसे ही रात 8 बजे जेसीबी मशीन ने इस मकान की बाउंड्री के एक छोटे हिस्से को तोड़ा, उसके बाद अचानक से कार्रवाई रोक दी गई।


बड़े भाई के नाम की दो खदानें और क्रेशर लाइसेंस निलंबित
कलेक्टर ने खनिज विभाग की रिपोर्ट पर मैसर्स पीतांबरा ग्रेनाइट, साथ में भागीदार वीरेंद्र सिंह के नाम पर संचालित काले पत्थर की दो खदानें और क्रेशर संचालन की अनुमति निलंबित कर दी। वीरेंद्र सिंह, साहब सिंह के बड़े भाई हैं। मुरार के तुरकपुरा में सर्वे नंबर 197, 199, 200( 1.810 हैक्टेयर), सर्वे नंबर 205 (1.730 हैक्टेयर) है। कार्रवाई अनुबंध की शर्तें और एनजीटी के निर्देश तोड़ने पर की गई है।


साहब सिंह शहर का बड़ा हिस्ट्रीशीटर है। 64 तो वे मामले हैं, जो फौरी तौर पर सामने आए हैं। इसके अलावा सैकड़ों मामले ऐसे हैं जो थाने तक नहीं पहुंचे हैं। सीएम कमलनाथ के निर्देश हैं कि ऐसे माफिया के खिलाफ कार्रवाई करना है। सरकारी जमीन पर बना जो निर्माण तोड़ने से रोका है, उसे हम राजसात कर रहे हैं, जिससे उसका इस्तेमाल शासकीय कार्य में हो सके। साहब सिंह के खिलाफ कार्रवाई जारी रहेगी।