इंदौर। मप्र के चर्चित हनीट्रैप मामले में याचिकाकर्ता द्वारा उपलब्ध कराई गई हार्ड डिस्क को हाई कोर्ट ने सीएफएसएल जांच हेतु इंदौर की एसएसपी रुचिवर्धन मिश्र को सौंप दिया है।
जस्टिस एससी शर्मा व जस्टिस शैलेन्द्र शुक्ला की डिवीजन बेंच ने हनीट्रैप मामले को लेकर दायर याचिकाओं पर गत सोमवार को बहस के बाद आदेश सुरक्षित रख लिया था, जो आज जारी किया गया। कोर्ट ने कहा कि जो हार्ड हार्ड डिस्क के रूप में मटेरियल उपलब्ध कराया गया है वह कथित रूप से अपराध से सम्बंधित है, अतः उसकी जांच सीएफएसएल हैदराबाद से कराया जाना जरूरी है।
कोर्ट ने कहा कि यह हार्ड डिस्क सील बंद कवर में कोर्ट में मौजूद एसएसपी रुचि वर्धन मिश्रा को सौंपी जाए जो इस केस की इन्वेस्टिगेशन टीम का पार्ट है। कोर्ट को महाधिवक्ता शशांक शेखर द्वारा बताया गया कि सीएफएसएल जांच में 7 से 8 महीने का समय लग सकता है।
उन्होंने आश्वस्त किया कि राज्य सरकार इस रिपोर्ट को जल्द से जल्द हासिल करने का प्रयास करेगी। कोर्ट ने याचिका के साथ लगे सभी आवेदनों पर शासन को अगली सुनवाई पर जवाब पेश करने के निर्देश के साथ अगली सुनवाई आगामी 10 फरवरी को तय की है।
याचिकाकर्ता दिग्विजय सिंह की और से एडवोकेट मनोहर दलाल, लोकेंद्र जोशी, शासन की ओर से महाधिवक्ता शशांक शेखर, अतिरिक्त महाधिवक्ता रविंद्रसिंह छाबड़ा, मुदित माहेश्वरी, हरभजन सिंह की ओर से सीनियर एडवोकेट अविनाश सिरपुरकर, सीमा शर्मा इन्टरविंनर की ओर से एडवोकेट सुदर्शन जोशी आदि उपस्थित थे।