केंद्र सरकार द्वारा राज्यों के बीच अलग-अलग मुद्दों पर बनाई गई क्षेत्रीय परिषदों या समन्वय समिति की बैठकें उपयोगी साबित हों, केवल बैठक ही न होकर रह जाए, इनसे राज्यों के हितों के लिए कोई समाधान की दिशा भी निकले। इसके लिए किस तरह के उपाय अपनाने चाहिए। खासतौर पर छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश जैसे राज्य जो लंबे समय से नक्सल समस्या से जूझ रहे हैं। रायपुर में मंगलवार को होने जा रही 4 राज्यों की क्षेत्रीय परिषद की बैठक से पहले भास्कर ने छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल और मध्य प्रदेश के सीएम कमलनाथ से ऐसी बैठकों की प्रासंगिकता पर सीधे सवाल किए।
मुख्यमंत्रियों से सीधी बातचीत के अंश...
सीएम भूपेश बघेल-
सवाल :क्या क्षेत्रीय परिषद या समन्वय समिति की बैठकें उपयोगी साबित हो रही हैं?
जवाब : समन्वय और क्षेत्रीय परिषद की बैठकों का काॅन्सेप्ट अब अनुपयोगी साबित हो रहा है। क्योंकि इसमें उन राज्यों को भी शामिल कर लिया गया है, जिनका हमारे राज्य से जुड़ी समस्या से सीधा संबंध ही नहीं होता है।
सवाल :तो इसका समाधान कैसे निकलेगा?
जवाब :एक जैसी समस्याओं को लेकर कॉमन फोरम बनाने की जरूरत है। राज्य आपस में इन पर चर्चा करें और समाधान के रास्ते निकालने की कोशिश करें, यही तरीका बेहतर साबित होगा।
सवाल :नक्सल समस्या के लिए ऐसी बैठकें उपयोगी साबित हों, इसके लिए आपका फॉर्मूला क्या है?
जवाब :नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में अंदर तक प्रशासन की पैठ होगी तो समस्या का समाधान का भी निकलने लगेगा। हमने ये प्रयोग किया जो सफल भी साबित हो रहा है। आज सुरक्षा बलों के जवान लोगों के बीच काम कर रहे हैं, इससे लोगों का भी भरोसा बढ़ रहा है। अब जवान गर्भवती महिलाओं को सुरक्षित प्रसव के लिए अस्पतालों कैंपों तक पहुंचा रहे हैं।
सवाल :छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में नक्सल समस्या का निदान के लिए और क्या किया जाना चाहिए?
जवाब :छत्तीसगढ़ ने स